Monday, June 14, 2021

कंटक राह मे बहुत मिलेंगे, मगर धैर्य से चलना होगा। मोटिवेशन की कविता / Motivational Poem/ Motivation ki kavita //

 

कंटक राह मे बहुत मिलेंगे,

मगर धैर्य से चलना होगा।

राहे बड़ी अंधेरी होंगी,

खुद ही दीप सा जलना होगा ।

 


पथ पर चलते एकाकी तुम,

थका-2 महसूस करोगे,

मगर सूर्य बन नई सुबह मे,

फिर से तुम्हें निकलना होगा।

 

घना अंधेरा छट जाएगा,

कोहरा भी घनघोर मिटेगा।

सफर करोगे शुरू अकेले,

तभी कारवां खून जुटेगा।

 


ऐसे जीवन पथ पर बढ़ते,

कदम-2 फिर चलना होगा,

राहे बड़ी अंधेरी होंगी,

खुद ही दीप सा जलना होगा ।

जीवन के वीराने पथ पर,

परछाई भी साथ न देगी,

बची-खुची दिल की अभिलाषा,

परेशानियों से बिखरेगी।

 

कटी पतंग सा होगा जीवन,

पर हर बार संभलना होगा।

राहें बड़ी अंधेरी होगी,

खुद ही दीप सा जलना होगा।

 

कवि शिव इलाहाबादी 'यश'

कवि एवं लेखक

मो.- 7398328084

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ब्लॉग-www.kavishivallahabadi.blogspot.com



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